गेहूँ प्रजाति 'पूसा यशस्वी' की खेती से सीतापुर के किसानों को मिला भरपूर मुनाफा ◆●◆ ग्रीन डे-किसान की दुकान से किसानों को मिल सकेगा यह बीज


        सीतापुर। देश के सबसे पौष्टिक गेहूँ पूसा यशस्वी की खेती से सीतापुर के किसान लाभान्वित हुए हैं। किसान बीज कंपनी श्री राम सीड्स (SRS) को एचडी 3236 के उत्पादन और वितरण के लिए  भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा अगस्त 2019 में लाइसेंस प्रदान किया गया था।
       श्री राम सीड्स के मार्केटिंग हेड प्रतीक रस्तोगी ने बताया कि अगस्त 2019 में श्रीराम सीड को 200 किलो फाउंडेशन बीज मिला था। इस बीज को सीतापुर के अग्रणी किसान पुरैनी के दिलबाघ सिंह, भूलन पुर के रणधीर सिंह और बनेहटा के हरप्रीत सिंह ने श्रीराम सीड से लिया था। सभी किसानों ने इस प्रजाति को से औसतन 62 कुंटल प्रति हेक्टेयर की उल्लेखनीय पैदावार हासिल कर मुनाफे में रहे। अब श्री राम सीड के पास गेहूँ प्रजाति एचडी 3226 पर्याप्त मात्रा में है और किसानों को यह बीज ग्रीन डे-किसान की दुकान की सभी शाखाओं पर मिलेगा।प्रतीक रस्तोगी ने यह भी बताया कि श्री राम सीड्स  इस वैरायटी का जैविक बीज भी तैयार करेगी।


       उल्लेखनीय है कि आईएआरआई द्वारा विकसित नई ब्लॉकबस्टर गेहूं  किस्म एचडी 3226 पूसा यशस्वी को हाल में ही जारी किया गया है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें गेहूं की अब तक उपलब्ध सभी किस्मों से ज्यादा प्रोटीन और ग्लूटीन है। इसमें 12.8 प्रतिशत प्रोटीन, 30.86 प्रतिशत ग्लूटीन और 36.8% जिंक है।अब तक गेहूं की जो किसमें है उनमें अधिकतम 12.3 प्रतिशत तक ही प्रोटीन है। इस गेहूं से रोटी और ब्रेड तैयार किया जा सकेगा।
     आदर्श स्थिति में गेहूँ की इस प्रजाति की प्रति हेक्टेयर 70 कुंटल की पैदावार है। यह गेहूं रतुआ रोग और करनाल मल्ट रोधी है। भारतीय गेहूं का कम प्रोटीन के कारण इसका निर्यात नहीं होता था, इस गेहूँ से यह समस्या समाप्त हो जाएगी।
   मार्केटिंग हेड श्री रस्तोगी ने बताया कि इस गेहूँ की अच्छी पैदावार लेने के लिए इसे अक्टूबर या नवंबर के पहले सप्ताह में लगाना जरूरी है। इसकी फसल 142 दिन में तैयार हो जाती है। पंजाब हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड के तराई क्षेत्र, जम्मू कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश के कुछ क्षेत्रों के लिए यह अत्यंत उपयुक्त है। जीरो ट्रिलेज पद्यति के लिए भी यह गेहूँ सर्वथा उपयुक्त है।
-पैदावार ब्यूरो